वोडाफोन, केयर्न समेत 4 कंपनियों को 8000 करोड़ रिफंड करेगी सरकार, टैक्सेशन कानून में बदलाव
CBDT चेयरमैन ने इस बात से इनकार किया कि कानू में संसोधन का फैसला किसी दबाव में लिया गया.
(Image: Reuters)
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Retro Tax Bill: रेट्रोस्पेटिव टैक्स वसूली खत्म करने के लिए टैक्स कानून में हुए संसोधन लागू होने के बाद केंद्र सरकार चार कंपनियों को 8000 करोड़ रुपये रिफंड करेगी. इन कंपनियों में केयर्न एनर्जी, वोडाफोन, WNS कैपिटल और एक अन्य कंपनी शामिल है. सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस (CBDT) चेयरपर्सन जेबी मोहापात्रा ने यह बात कही है. टैक्सेशन लॉ (अमेंडमेंड) बिल, 2021 को राज्य सभा से मंजूरी मिली गई है. इस बिल में 28 मई 2012 से पहले भारतीय संपत्तियों के इनडायरेक्ट ट्रांसफर पर लगाए गए सभी रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स को खत्म करने का प्रावधान किया गया है. इस कानून के लागू होने के बाद केयर्न एनर्जी और वोडाफोन जैसी कंपनियों से की गई टैक्स डिमांड वापस ली जाएगी.
चार मामलों में रिफंंड
ANI के साथ एक इंटरव्यू में सीबीडीटी चेयरपर्सन ने कहा, ''जहां तक मैं जानता हूं, चार मामले हैं. केयर्न एनर्जी के अलावा WNS कैपिटल, वोडाफोन और एक और मामला है. इस तरह, इन कंपनियों को कुल 8000 करोड़ रुपये का रिफंड करना होगा. रिफंड बिना ब्याज किया जाएगा.'' मोहापात्रा ने कहा कि वित्त मंत्री की तरफ से करीब 17 मामलों का जिक्र किया गया, इनमें चार ऐसे मामले हैं, जिनमें डिमांड की एवज में कुछ पेमेंट हुआ है. और यह पेमेंट चार मामलों में हुआ है. इसके अलावा अन्य 13 मामले हैं, जिनमें डिमांड भेजी गई, लेकिन उनमें अभी तक पेमेंट नहीं हुआ है. इसलिए, इनकम टैक्स विभाग की ओर से उन्हीं को रिफंड किया है, जिन्होंने पेमेंट किया है. यह रिफंड तब होगा, जब कानून पारित हो जाएगा और प्रेसिडेंट की मुहर लगने के बाद कानून बन जाएगा.
मुकदमेबाजी को खत्म करना मकसद
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मोहापात्रा का कहना है कि हम मुकदमेबाजी को खत्म करना चाहते हैं. बिल राज्य सभा से पारित हो गया है. अब इसे दोबारा लोकसभा में मंजूरी के लिए लाया जाएगा. इसके बाद यह कानून मिनिस्ट्री के पास जाएगा और फिर इसे नोटिफाई किया जाएगा. अगले हफ्ते की शुरुआत तक नया कानून लागू हो जाएगा. उन्होंने कहा, ''यह लंबे समय से डिपार्टमेंट के लिए एक पेंचीदा मसला रहा है. 2012 में यह कानून लागू हुआ. इसकी आपना एक इतिहास है.''
किसी दबाव में नहीं हुआ फैसला
सीबीडीटी चेयरमैन ने इस बात से इनकार किया कि कानू में संसोधन का फैसला किसी दबाव में लिया गया. उन्होंने कहा, ''यह संसोधन क्यों लगाया गया, इसके मकसद और कारणों को वित्त मंत्री के संसद के बयान में साफ तौर पर बताया गया है. यह संसोधन किसी केस विशेष को लेकर नहीं है. इसमें किसी तरह के दबाव की बात नहीं है.''
04:43 PM IST